उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ने साझा किया गुणवत्ता, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व को बताया प्राथमिक लक्ष्य

हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो नवीन चंद्र लोहनी ने आज प्रेस वार्ता में अपने भावी योजनाओं और शैक्षणिक दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा कि कुलपति का पद उनके लिए गर्व का विषय होने के साथ-साथ एक बड़ा उत्तरदायित्व भी है।
कुलपति ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य के प्रत्येक छात्र तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुँच बनाना, शैक्षिक नवाचार को बढ़ावा देना और विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित बनाना रहेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के व्यापक विकास के लिए कई योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।
सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही, क्षेत्रीय निदेशालयों के सहयोग से दूरस्थ क्षेत्रों तक ‘उच्च शिक्षा आपके द्वार’ के संकल्प को साकार करने का प्रयास होगा।
दूरस्थ इलाकों में मौजूद अध्ययन केंद्रों को आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षित स्टाफ और बेहतर समन्वय से सशक्त किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को समय पर सहयोग मिल सके।
ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को इंटरएक्टिव और सुलभ बनाया जाएगा। वर्चुअल लैब, ऑडियो-विजुअल कंटेंट और MOOC आधारित पाठ्यक्रम विकसित किए जाएंगे।
रोजगारपरक पाठ्यक्रम, इंटर्नशिप और उद्योग–शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
‘अनुसंधान प्रोत्साहन नीति’ के तहत पर्यावरण, पलायन, पर्यटन, जैव विविधता, लोकभाषा और संस्कृति जैसे स्थानीय विषयों पर शोध को प्राथमिकता दी जाएगी।
शिकायत निवारण प्रणाली को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाएगा। करियर काउंसलिंग व परामर्श सत्रों की सुविधा विस्तारित की जाएगी।
पारदर्शी प्रशासन और सांस्कृतिक संरक्षण
प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाया जाएगा, वहीं उत्तराखंड की लोकभाषाओं और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु विशेष शैक्षणिक पहलें की जाएंगी।
कुलपति ने कहा कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय केवल एक शिक्षण संस्था नहीं, बल्कि राज्य के हजारों विद्यार्थियों की आशा और भविष्य का केंद्र है। उन्होंने सभी से सहयोग और मार्गदर्शन की अपेक्षा जताते हुए विश्वविद्यालय को “ज्ञान, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व का आदर्श केंद्र” बनाने का संकल्प दोहराया
प्रेस वार्ता के दौरान प्रो गिरजा पाण्डे, खेमराज भट्ट,प्रो पी डी पंत, प्रो राकेश रयाल आदि मौजूद थे,



