गुणकारी, स्वादिष्ट व पोषक तत्वों से भरा पहाड़ का लिंगुड़
अल्मोड़ा। उतराखंड के ठंडे पहाड़ों में बरसात के सीज़न पैदा होने वाला जंगली सब्जी लिंगुड़ स्वादिष्ट व पोषक तत्वों का भरपूर भंडार वाला है। यह उत्तराखंड के साथ साथ हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, मेघालय, नेपाल व अन्य हिमालयी पहाड़ों में बरसात के सीजन में लिंगुड़ पैदा होता है। लिंगुड़ को अलग अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है लिंगरी, लुंगुडू, कसरोड आदि नाम प्रसिद्ध हैं l लिंगुड़ की सब्जी मे आयरन,बीटामीन सी, कैल्शियम,पोटेशियम, प्रोटीन, मिनरल्स वाटर आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। पोषक तत्वों का भंडार होने के कारण लिंगुड़ की सब्जी खाने से सुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट व शरीर में पानी की पूर्ती अन्य बिमारियों के रोकथाम होती है। लिंगुड़ की सब्जी बनाने के अलग-अलग तरीके हैं। लिंगुड़ के डंठल व फर्न में जो बाल जैसे लगे होते हैं सबसे पहले उसे साफ किया जाता है। उसके बाद लिंगुड़ की सब्जी को छोटे-छोटे टुकड़े बनाकर प्याज, लहसुन,अदरक,को भूनकर टमाटर डाला जाता है फिर अन्य सब्जी मसाले डालकर अच्छी तरह से पकाया जाता है।दूसरा तरीका बहुत से लोग लिंगुड़ की सब्जी दही व छांस भी डालते हैं। हिमाचल प्रदेश में लिंगुड़ का आचार भी बनाया जाता है।
प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया आज से तीस चालीस साल पहले उतराखड के जंगली फलों व जंगली सब्जियों के बारे में लोग उतनी जानकारी नहीं लेते थे। लेकिन कुदरत की देन है आज के समय में ब्लड, प्रेशर,सुगर, हार्ट, पत्थरी, आदि बिमारियां बड रही है।इन बिमारियों के लिए जंगली फल व जंगली सब्जी काफी फायदेमंद व रोकथाम के लिए काम आती है। इसलिए जंगली फल व जंगली सब्जियों का सेवन करना अनिवार्य होने लगा है।