उत्तराखंड-खड़ी चट्टान चढ़कर SDRF का अकल्पनीय रेस्क्यू.दो की बचाई जान


एक असाधारण और अकल्पनीय रेस्क्यू : श्री केदारनाथ-तोशी त्रिजुगीनारायण पैदल मार्ग रेस्क्यू।

ड्रोन एवं रोप रेस्क्यू से एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस ने बचाई 02 जान

देर रात, सोनप्रयाग कोतवाली से एसडीआरएफ सोनप्रयाग की टीम को अत्यंत महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त हुई कि 11 श्रद्धालु त्रिजुगीनारायण से ऊपर 08 किलोमीटर की दूरी पर जंगल में भटक गए हैं। उनके पास खाने-पीने का सामान समाप्त हो चुका था, उन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है। सूचना प्राप्त होते ही श्री मणिकांत मिश्रा, सेनानायक SDRF के निर्देश पर एसडीआरएफ की टीम 13 किलोमीटर के सड़क मार्ग से त्रिजुगीनारायण के लिए रवाना हुई।

त्रिजुगीनारायण पहुंचने के बाद, एसडीआरएफ की टीम, जिसमें 06 बहादुर जवान शामिल थे, एसआई जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्थानीय लोगों की साथ 05 किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई चढ़कर सोन नदी के किनारे पहुंचे। यहां का दृश्य अत्यंत विकट था – सोन नदी अपने सबसे तेज प्रभाव में बह रही थी। इसी दौरान, सूचना मिली कि 11 में से 09 श्रद्धालु सकुशल वापस आ चुके हैं, लेकिन 02 लोग अब भी फंसे हुए हैं।


सोन नदी किनारे से ड्रोन के माध्यम से पूरे जंगल की सर्चिंग की

एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से ड्रोन का उपयोग कर सोन नदी के दूसरी ओर जंगल की सर्चिंग शुरू की। ड्रोन को ऊपर देख चट्टान पर बैठे दोनों युवकों ने आवाज लगाई। एसडीआरएफ की टीम ने सिटी बजाकर दोनो युवकों, जो खड़ी चट्टान के ऊपर खड़े थे। जहां से उनके लिए उनके नीचे उतरना असंभव था l

सरिता विहार, दिल्ली निवासी दो युवकों के लिए एसडीआरएफ बनी देवदूत

दोनों युवकों, अंकित पुत्र फाजिल मंडल और सुनील पुत्र महेश सिंह, जो सरिता विहार, दिल्ली के निवासी हैं, की स्थिति अत्यंत गंभीर थी। 31 जुलाई को बादल फटने के बाद वे गौरीकुंड में फंस गए थे। स्थानीय लोगों के कहने पर वे गौरीकुंड त्रिजुगी नारायण तोशी मार्ग पर चल दिए। उनकी संख्या 13 के करीब हो गई थी, लेकिन उनमें से कुछ लोग वापस चले गए और 09 सकुशल सोनप्रयाग पहुंच गए। ये दोनों युवक थकान और बिना खाने-पीने के कारण धीमे-धीमे आगे बढ़ रहे थे और अपने साथियों से बिछड़ गए। अपने को अकेला पाते हुए, उन्होंने तुरंत सोनप्रयाग कोतवाली को अपने फंसने की सूचना दी।


एसडीआरएफ टीम का बहादुरी भरा साहसिक प्रयास

एसडीआरएफ की टीम ने रोप रेस्क्यू की मदद से विकराल नदी को पार किया और खड़ी चट्टान से दोनों युवकों को सुरक्षित नीचे उतारा। इसके बाद, एसडीआरएफ की टीम ने उन दोनों युवकों को सुरक्षित सोनप्रयाग कोतवाली पहुंचाया।


पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में 5000 से अधिक यात्रियों को व त्रिजुगीनारायण में इन युवकों को कठिन परिस्थितियों में रेस्क्यू करने पर एसडीआरएफ टीम की सराहना की है। उनकी अदम्य साहस और त्वरित कार्रवाई ने इस असाधारण रेस्क्यू को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ के एसआई जितेंद्र सिंह के साथ आरक्षी रमेश रावत, आरक्षी हिमांशु नेगी,आरक्षी सोनू सिंह, होमगार्ड कर्मी कैलाश, पैरामेडिक्स अमृत एवं भूपेंद्र शामिल रहे। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय लोगों ने भी एसडीआरएफ का काफी सहयोग किया है। इसके लिए एसडीआरएफ की टीम के द्वारा उनका धन्यवाद दिया गया

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