उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा

स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं। यह इस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू होगा।”
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिले स्नेह और सहयोग के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और सांसदों का आभार भी व्यक्त किया।
इस्तीफे के प्रमुख बिंदु:
इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत दिया गया है।
यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा कि वे अब पूरी तरह से स्वास्थ्य सुधार पर ध्यान केंद्रित करेंगे।इस अप्रत्याशित फैसले से देश की राजनीति में हलचल मच गई है।आगे क्या होगा?उपराष्ट्रपति पद के खाली होने के बाद अब जल्द ही नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा के सभापति होते हैं, बल्कि संवैधानिक दृष्टि से देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर होते हैं।



