सीमांत गांवों में विकास की दस्तक: वाइब्रेंट विलेज योजना के असर को परखेंगे अब खुद केंद्रीय मंत्री!

देहरादून उत्तराखंड के सुदूरवर्ती सीमांत गांवों में अब सिर्फ वादे नहीं, जमीनी बदलाव की बयार बहने लगी है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना को नई रफ्तार देने के लिए अब केंद्रीय मंत्री खुद गांवों की चौपाल में पहुंचेंगे और विकास कार्यों की नब्ज टटोलेंगे।हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव का दौरा किया। उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अब यह योजना सिर्फ कागजों में नहीं, बल्कि जमीन पर असर दिखा रही है।

मोदी की आध्यात्मिक यात्रा बनी परिवर्तन की चाबी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा के बाद इन दुर्गम इलाकों में पर्यटन और आस्था की बाढ़ सी आ गई है। इसका सीधा असर स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ा है – जहां पहले सन्नाटा था, वहां अब रोजगार और रौनक लौट आई है।

गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार

स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, संचार, पेयजल, कृषि, बागवानी और स्वरोजगार जैसी जीवन से जुड़ी सुविधाएं अब सीमांत गांवों की चौखट पर दस्तक दे रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त प्रयास इन गांवों को न सिर्फ आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि उन्हें देश के विकास की मुख्यधारा में जोड़ रहा है।

प्रधानमंत्री की ‘सीधी नजर’ में वाइब्रेंट विलेज
प्रधानमंत्री मोदी खुद इस योजना की प्रगति पर नजर रख रहे हैं। इसी वजह से अब अलग-अलग मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री गांवों का दौरा कर, स्थानीय लोगों से संवाद करेंगे और उनकी जरूरतों के मुताबिक योजनाओं में संशोधन भी किया जाएगा।

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