11 सौ करोड़ से बने इस हाईटेक एनएच पर केवल चार घंटे चलेंगे वाहन,वजह कर देगी हैरान

उत्तराखंड के सीमांत चम्पावत और पिथौरागढ़ जिले में 24 घंटे वाहनों की आवाजाही के मकसद से साल 2016 में करीब 11 सौ करोड़ रुपये की लागत से हाईटेक तकनीक से ऑल वेदर रोड का निर्माण किया गया था। सड़क निर्माण के दौरान कार्यदायी कंपनियों ने पहाड़ का सीना चीर डाला था। करीब तीन साल पहले ही ये ऑलवेदर रोड बनकर तैयार हुई तो लोगों को तमाम उम्मीदें थी। लेकिन रोड तैयार होते ही इसमें दर्जनों डेंजर जोन उभर आए थे। हालात ये हैं कि ये एनएच जरा सी बारिश में भी भूस्खलन से बंद हो जाता है।

बीते दिनों हुई बारिश के कारण इस सड़क का बड़ा हिस्सा वॉश आउट हो गया था। इस हाईवे पर लगातार भू-धंसाव हो रहा है। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने छोटे वाहनों की आवाजाही अपराह्न दो से शाम चार बजे तक निर्धारित कर दी है। इस रूट पर भारी मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर 24 सितंबर तक रोक लगा दी है।

17 सितंबर से बंद हो गई थी आवाजाही
सड़क धंसने की आशंका को देखते हुए टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पर बड़े और मालवाहक वाहनों की आवाजाही बीते 17 सितंबर से बंद कर दी गई है। बीते शनिवार इस रूट पर सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक छोटे वाहनों का संचालन बंद था। अब बंद की समयावधि को बढ़ाकर सुबह छह से अपराह्न दो बजे कर दिया गया है। नये आदेश के तहत टनकपुर-पिथौरागढ़ के बीच छोटे वाहनों की आवाजाही अपराह्न दो से शाम छह बजे तक हो सकेगी। शाम छह से अगले दिन अपराह्न दो बजे तक सभी तरह के वाहनों का संचालन बंद रहेगा।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है ये एनएच
टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इसी सड़क से होकर चीन, नेपाल और तिब्बत की सीमा तक पहुचा जा सकता है। इस सड़क पर सैन्य वाहनों की भी हमेशा आवाजाही बनी रहती है। अंतरराष्ट्रीय सीमा तक कनेक्टिविटी मजबूत करने के मकसद से ही इस एनएच का निर्माण हुआ था। पूर्व में ये एनएच काफी संकरा था। साल 2016 में इसे टू लेन में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। टू-लेन बनने के बाद इस सड़क पर भूस्खलन कई गुना ज्याद बढ़ गया है

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