लूट की फर्जी कहानी का पर्दाफाश, बलात्कार की झूठी सूचना पर भारी जुर्माना

हरिद्वार/पिथौरागढ़। उत्तराखंड में पुलिस को झूठी सूचना देकर गुमराह करने वालों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए सख्त कार्रवाई की गई है। लक्सर और पिथौरागढ़ में दो अलग-अलग घटनाओं में पुलिस ने झूठी शिकायत देने वालों पर सख्त कदम उठाते हुए उन्हें आर्थिक दंड के साथ सबक सिखाया। पहले मामला हरिद्वार ज़िले का हैं, जहां खेडी खुर्द लक्सर निवासी प्रदीप सैनी ने 26 सितंबर को पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर सूचना दी कि अज्ञात व्यक्तियों ने उसके घर में घुसकर ₹80,000 नगद और अन्य सामान लूट लिया है। सूचना मिलते ही लक्सर पुलिस तुरंत हरकत में आई और प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण की अगुवाई में पुलिस टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल पर कुछ संदिग्ध बातें नजर आईं, जिसके बाद पीड़ित प्रदीप सैनी से कड़ी पूछताछ की गई। आखिरकार, यह सामने आया कि प्रदीप ने मकान निर्माण के लिए अपने बहनोई से उधार लिए पैसे न चुका पाने के कारण, लूट की झूठी कहानी गढ़ी थी। पुलिस को गुमराह करने के आरोप में प्रदीप पर पुलिस अधिनियम के तहत चालान किया गया। प्रदीप ने अपनी गलती मानते हुए पुलिस से माफी मांगी।

वही पिथौरागढ़ में भी इसी तरह की एक और घटना सामने आई, जब नितेश कुमार ने देर रात 112 हेल्पलाइन पर फोन कर बताया कि धर्मशाला लाइन में एक महिला के साथ बलात्कार हो रहा है। सूचना मिलते ही उपनिरीक्षक राजेंद्र राम की अगुवाई में पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन कोई ऐसी घटना नहीं मिली। जब नितेश से संपर्क किया गया, तो उसने स्वीकार किया कि उसने शराब के नशे में गलती से 112 पर कॉल किया था। इस झूठी सूचना के आधार पर पुलिस को गुमराह करने के अपराध में नितेश पर पुलिस अधिनियम की धारा 83 के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इधर हरिद्वार और पिथौरागढ़ दोनों मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सच को सामने लाया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की। पुलिस ने जनता से अपील की है कि 112 हेल्पलाइन का सही और जिम्मेदार तरीके से इस्तेमाल करें। झूठी सूचना देकर पुलिस को गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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