धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में यति नरसिंहानंद पर कड़ी कार्रवाई की मांग

हल्द्वानी। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 29 सितंबर को आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान तथाकथित बाबा यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा दिए गए विवादित बयान से देश में व्यापक आक्रोश फैल गया है। इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक बयान दिए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हल्द्वानी के ओलेमा ए अहल ए सुन्नत और जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के नेतृत्व में स्थानीय मुस्लिम उलेमाओ व समुदाय ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उप जिलाधिकारी हल्द्वानी को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने यति नरसिंहानंद और उनके शिष्यों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्यवाही करने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया है कि यति नरसिंहानंद और उनके अनुयायी अनिल यादव, नरसिंहानंद गिरी, निर्धारन, और राम स्वरुप सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद और चौथे खलीफा हजरत अली के बारे में लगातार अपमानजनक बातें कर रहे हैं, जो समाज में वैमनस्यता और हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि अगर इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई, तो देशभर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। हल्द्वानी और प्रदेशभर के मुसलमान इस प्रदर्शन में शामिल होंगे, जिससे माहौल बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी। इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के प्रदेश सचिव अब्दुल कादिर फार्मर के नेतृत्व में भी एक ज्ञापन सौंपा गया। इसमें उन्होंने यति नरसिंहानंद द्वारा 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन, लोहिया नगर में अमर बलिदानी मेजर आसाराम ब्याग सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिए गए घृणास्पद और अपमानजनक भाषण की कड़ी निंदा की।
ज्ञापन में यति नरसिंहानंद के बयान को सांप्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाला और हिंसा को बढ़ावा देने वाला बताया गया। फार्मर ने प्रशासन से यति नरसिंहानंद और उनके अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने भविष्य में ऐसे भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाने का आग्रह किया। मुस्लिम समुदाय ने मांग की है कि इन अपमानजनक और घृणास्पद टिप्पणियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे
