ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की गौचर में सुरंग आर-पार, निर्माण पूरा होने के बाद इंजीनीयरों में खुशी की लहर
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन की गौचर में सुरंग आर-पार हो गई है. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इंजीनीयरों, वैज्ञानिकों और श्रमिकों में खुशी की लहर है.
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की गौचर में सुरंग आर-पार
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की गौचर के पास बन रही एमटी-5 और एमटी-6 के बीच करीब 2.7 किलोमीटर की एक सुरंग आर पर हो गई है. जिसके बाद इंजीनीयरों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. इंजीनीयरों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई. बता दें इस रेल परियोजना को पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मना जा रहा है. इससे दुरुस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
75 प्रतिशत निर्माण कार्य हुआ पूरा
2025 तक इस रेल परियोजना की सभी सुरंगों के निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के सर्वे इंचार्ज दिनेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गौचर में आईटीबीपी के पास से भट्टनगर गांव की सीमा तक इस सुरंग को बनने में करीब तीन साल लगे. ये सुरंग गौचर नगर के आवासीय क्षेत्र से होकर गुजर रही है. इंजीनीयरों की माने तो इस परियोजना का करीब 75 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो गया है.
पूरी परियोजना में हैं 13 स्टेशन
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि साल 2026 के अंत तक ट्रैक बिछाने का काम भी पूरा कर लिया जाएगा. बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर कुल 13 स्टेशन हैं. जिसमें से योगनगरी रेलवे स्टेशन और वीरभद्र रेलवे स्टेशन का काम भी पूरा हो चुका है. सबसे खास बात कि योगनगरी रेलवे स्टेशन तक ट्रेनें चलने भी लगी हैं. इसके साथ ही देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, शिवपुरी, ब्यासी और सिंवई (कर्णप्रयाग) में भी स्टेशन हैं.